राजस्थान के 17 नए जिलों पर बड़ा फैसला : क्या छोटे जिलों का होगा पुनर्गठन?

Rajasthan New Districts: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने प्रदेश के 17 नए जिलों के पुनर्गठन या उन्हें मर्ज करने की ओर संकेत दिया है। इस पत्र में, मुख्यमंत्री ने राज्य की प्रशासनिक सीमाओं को पुनः खोलने की अपील की है ताकि नए जिलों के सीमांकन और पुनर्गठन को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए जा सकें।

प्रशासनिक सीमाओं पर बड़ा फैसला

मुख्यमंत्री शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि राज्य की प्रशासनिक इकाइयों, जैसे जिलों, तहसीलों और ग्राम पंचायतों को निर्धारित करने की राज्य की शक्तियां केंद्र सरकार द्वारा 1 जुलाई 2024 को स्थिर कर दी गई हैं। शर्मा ने आग्रह किया है कि राजस्थान में प्रशासनिक सीमाओं को पुनः खोलने(Rajasthan New Districts) की अनुमति दी जाए ताकि सरकार जिलों के पुनर्गठन और सीमांकन के संबंध में अधिसूचना जारी कर सके। यह कदम प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाने और आम जनता को अधिक सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।

17 नए जिलों का भविष्य क्या मर्ज होंगे छोटे जिले?

इस पत्र के अनुसार, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राज्य के छोटे जिलों को आपस में मर्ज करने की योजना पर विचार कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पूर्व IAS अधिकारी ललित के पंवार की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। इस समिति को नए जिलों के पुनर्गठन पर एक रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया गया था, जिसे मंत्रिमंडलीय उप-समिति को 15 दिनों के भीतर सौंपना था। ऐसा माना जा रहा है कि राज्य सरकार(Rajasthan New Districts) दिसंबर 2024 तक इन 17 नए जिलों के पुनर्गठन पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है।

नए जिलों का सीमांकन और चुनाव / Rajasthan New Districts

राजस्थान में इस साल नवंबर-दिसंबर में विभिन्न जिलों में पंचायत और जिला परिषद चुनाव होने हैं। इनमें 19 जिलों में चुनाव कराए जाएंगे, जिनमें बालोतरा, ब्यावर, अनूपगढ़, डीडवाना कुचामन, गंगापुर सिटी, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, फलोदी और सांचौर सहित कई प्रमुख जिले शामिल हैं। सीमांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इन जिलों में चुनाव कराए जा सकेंगे। ऐसे में नए जिलों के सीमांकन का काम भी जल्द ही पूरा करने की योजना बनाई जा रही है।

राजनीतिक मकसद से दूर जनहित पर ध्यान

राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने इस मुद्दे पर अपना मत व्यक्त करते हुए कहा कि नए जिलों का पुनर्गठन पूरी तरह से जनहित पर आधारित होना चाहिए और इसे राजनीति से प्रेरित नहीं होना चाहिए। राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी निर्णय जनता की भलाई को ध्यान में रखकर किए जाएं ताकि प्रदेश के नागरिकों को बेहतर प्रशासनिक सेवाएं उपलब्ध हो सकें।

19 नए जिलों की घोषणा और 3 जिलों का अटका हुआ नोटिफिकेशन

पूर्व गहलोत सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले 19 नए जिलों की घोषणा की थी, जिससे राजस्थान के कुल जिलों की संख्या 33 से बढ़कर 50 हो गई थी। हालांकि, सुजानगढ़, मालपुरा और कुचामन सिटी जिलों का नोटिफिकेशन अभी तक जारी नहीं हो पाया है। नए जिलों का सीमांकन और अधिसूचना जारी होने के बाद इन जिलों में प्रशासनिक कार्य शुरू होंगे। इस बीच, भाजपा सरकार के आने के बाद अब नए जिलों के पुनर्गठन को लेकर स्थिति असमंजस में है।

निष्कर्ष

राजस्थान में नए जिलों का गठन एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसके साथ ही जिलों का पुनर्गठन और सीमांकन भी एक बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पत्र से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार नए जिलों को मर्ज करने या पुनर्गठित करने की दिशा में कदम उठा रही है। यह निर्णय प्रदेश के प्रशासनिक कार्यों को और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है, जिससे राज्य की जनता को बेहतर सेवाएं मिल सकें। आने वाले महीनों में इन नए जिलों का भविष्य क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

  • पंचायत चुनाव: नवंबर-दिसंबर 2024
  • सीमांकन प्रक्रिया: दिसंबर 2024 तक संभावित

प्रमुख जिले: बालोतरा, ब्यावर, जयपुर उत्तर, फलोदी, सांचौर

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